क्या हो रहा वायरल : सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि रेलवे की सात फैक्ट्रियों को बेचने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले 3.5 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। दावा है कि इन कर्मचारियों की जगह कॉन्ट्रेक्ट लेबर्स को नौकरी पर रखा जाएगा।
और सच क्या है ?
- पड़ताल की शुरुआत में हमने ये पता लगाने की कोशिश की कि रेलवे की 7 फैक्ट्रियों के बिकने का दावा सबसे पहले कहां से आया? Deshabhimani वेबसाइट के एक लेख में ये दावा किया गया है।
- जिस लेख में रेलवे की फैक्टरियों के बिकने का दावा है। उसमें किसी भी आधिकारिक सोर्स का जिक्र नहीं है। न ही किसी सूत्र का हवाला दिया गया है। इसी से खबर की सत्यता पर सवाल खड़े होते हैं।
- अलग-अलग कीवर्ड सर्च करने से किसी भी विश्वसनीय न्यूज़ वेबसाइट पर ऐसी खबर नहीं मिली । जिससे फैक्ट्रियों के बिकने वाले दावे की पुष्टि होती हो।
- रेलवे के निजीकरण पर दैनिक भास्कर ने एक रिसर्च स्टोरी की है। इसके अनुसार, रेलवे के 5% हिस्से के निजीकरण को मंजूरी मिली है। दैनिक भास्कर की इस स्टोरी में 7 फैक्ट्रियों के बिकने का कोई जिक्र नहीं है।
- केंद्र सरकार की एजेंसी पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे को फेक बताया है। स्पष्ट है कि रेलवे के पूरी तरह निजीकरण होने और 3.5 लोगों की नौकरी जाने का दावा भी मनगढ़ंत है।
Claim: #IndianRailways is being completely privatized along with a cut in jobs. #PIBFactCheck: This claim is #Misleading. There are certain areas where public-private partnership is being worked upon but the control will still vest with @RailMinIndia.
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 6, 2020
No jobs are being lost. pic.twitter.com/nV5FxFqAcT
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